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सेन्सेइ से पूछें

संकेतवाचक शब्द (पाठ 3)

किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान की तरफ़ इशारा करने वाले शब्दों को जापानी भाषा में 'को-सो-आ-दो' शब्द कहते हैं। इसमें 'को', 'सो', 'आ' और 'दो', इन शब्दों के पहले अक्षर हैं। 'को' से शुरू होने वाले शब्द हैं 'कोरे' (यह), 'कोको' (यहाँ), और 'कोनो' जो हमेशा किसी संज्ञा के पहले लगता है और “यह व्यक्ति, यह चीज़ या यह जगह” दर्शाता है। 'को' से शुरू होने वाले ये सभी शब्द उस व्यक्ति, वस्तु या स्थान की ओर इशारा करते हैं जो बोलने वाले से पास हो।

'सो' से शुरू होने वाले शब्द हैं 'सोरे' (वह), 'सोको' (वहाँ), और 'सोनो' जो हमेशा किसी संज्ञा के पहले लगता है और “वह व्यक्ति, वह चीज़ या वह जगह” दर्शाता है। 'सो' से शुरू होने वाले ये सभी शब्द उस व्यक्ति, वस्तु या स्थान की ओर इशारा करते हैं जो सुनने वाले से पास हो। लेकिन जब बोलने वाला और सुनने वाला साथ हों, तो ये उन लोगों, चीज़ों या जगहों की तरफ़ इशारा करते हैं जो दोनों से ही थोड़े दूर हों।
'आ' से शुरू होने वाले शब्द हैं 'आरे' (वह दूर), 'आसोको' (वहाँ दूर) और 'आनो' जो हमेशा किसी संज्ञा के पहले लगता है और “दूर के किसी व्यक्ति, चीज़ या जगह” की ओर इशारा करता है। 'आ' से शुरू होने वाले ये सभी शब्द उस व्यक्ति, वस्तु या स्थान की ओर इशारा करते हैं जो बोलने वाले और सुनने वाले, दोनों से ही दूर हो।

'दो' से शुरू होने वाले शब्द हैं 'दोरे' (कौन सा), 'दोको' (कहाँ) और 'दोनो' जो हमेशा किसी संज्ञा के पहले लगता है और उसके बारे में प्रश्न करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

इसके अलावा, इसी तरह के चार और शब्द हैं, 'कोचिरा' (इस तरफ़), 'सोचिरा' (उस तरफ़), 'आचिरा' (वहाँ दूर) और 'दोचिरा' (किस तरफ़)। इन शब्दों का इस्तेमाल दिशा दर्शाने के लिए किया जाता है।

इन शब्दों का सही इस्तेमाल जानना बहुत ज़रूरी है।
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