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सेन्सेइ से पूछें

'तो ओमोइमासु' (पाठ 39)

अपना विचार, मत या अंदाज़ा बताने के लिए, पहले अपनी बात कहें और उसके बाद लगाएँ 'तो ओमोइमासु' यानी “लगता है कि”।

क्रिया 'ओमोइमासु' का मतलब है “सोचना”। और जो भी आप सोच रहे हैं उसके बाद लगता है 'तो'। 'तो ओमोइमासु' यानी “लगता है कि” से पहले क्रिया का मूल रूप या 'ता'-रूप लगाया जाता है। इन रूपों के बारे में आप 26वें पाठ में सीख चुके हैं।

उदाहरण के तौर पर एक वाक्य बनाते हैं - “लगता है वह आएगी”। “वह” के लिए शब्द है 'कानोजो'। यह स्त्रीलिंग शब्द है। क्रिया “आना” के लिए जापानी भाषा का शब्द है 'किमासु' जिसका मूल रूप है 'कुरु'। तो “वह आएगी” कहने के लिए जापानी में कहिए 'कानोजो वा कुरु'। अब इसमें जोड़ दीजिए 'तो ओमोइमासु' यानी “लगता है कि” तो वाक्य बना 'कानोजो वा कुरु तो ओमोइमासु' यानी “लगता है वह आएगी”।

जब 'तो ओमोइमासु' से पहले 'इ'-विशेषण आता है, तब उसका रूप नहीं बदलता। मान लीजिए आप कहना चाहते हैं कि “मुझे वह सुन्दर लगती है”।
तो “सुन्दर” के लिए शब्द है 'उत्सुकुशिइ', इसलिए वाक्य बनेगा 'कानोजो वा उत्सुकुशिइ तो ओमोइमासु'।

जब 'तो ओमोइमासु' से पहले 'ना'-विशेषण लगता है, तब विशेषण के बाद 'दा' जोड़ते हैं। जैसे, अगर वाक्य है “मुझे वह सुविधाजनक लगता है”।
तो इसमें “वह” के लिए शब्द है 'सोरे'। “सुविधाजनक” को जापानी भाषा में कहते हैं 'बेन्रि'। यह 'ना'-विशेषण है इसलिए इसके बाद हम जोड़ेंगे 'दा', तो बन जाएगा 'बेन्रि दा'। तो “वह सुविधाजनक है” बोलने के लिए जापानी में कहेंगे 'सोरे वा बेन्रि दा' और इसके साथ जोड़ेंगे 'तो ओमोइमासु' यानी “लगता है कि”, तो वाक्य बनेगा 'सोरे वा बेन्रि दा तो ओमोइमासु' यानी “मुझे वह सुविधाजनक लगता है”।
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