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सेन्सेइ से पूछें

क्रिया का 'ता'-रूप + 'कोतो गा आरिमासु' (पाठ 20)

क्रिया का 'ता'-रूप, क्रिया का भूतकाल या समापन बताता है। इसमें 'कोतो गा आरिमासु' जोड़कर हम बता सकते हैं कि किसी को उस काम का अनुभव है।

जैसे क्रिया 'उताइमासु' यानी “गाना” से बनेगा 'उतात्ता कोतो गा आरिमासु' यानी “गाने का अनुभव है”। इसका नकारात्मक रूप बनाने के लिए, 'आरिमासु' को बदल दीजिए 'आरिमासेन्' में। तो 'उतात्ता कोतो गा आरिमासु' का नकारात्मक रूप हुआ 'उतात्ता कोतो गा आरिमासेन्' यानी “गाने का अनुभव नहीं है”।

एक बात का ध्यान रखना ज़रूरी है कि जब हम क्रिया के 'ता'-रूप के साथ 'कोतो गा आरिमासु' जोड़कर अनुभव बताते हैं, तब 'किनोउ' यानी “बीता कल” या 'सेन्शुउ' यानी “पिछला सप्ताह” जैसे कुछ दिन पुराना समय बताने वाले शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर सकते। इन शब्दों के साथ क्रिया के भूतकाल रूप का इस्तेमाल होता है।

जैसे, अगर किसी ने आपसे पूछा कि “क्या आपने फ़ुजि पर्वत देखा है?”। और अगर आपने पिछले सप्ताह ही फ़ुजि पर्वत देखा हो, तो आप 'सेन्शुउ मिता कोतो गा आरिमासु' यानी “पिछले सप्ताह देखने का अनुभव है” नहीं कह सकते। तब आप इस्तेमाल करेंगे क्रिया 'मिमासु' यानी “देखना” के भूतकाल रूप 'मिमाशिता' यानी “देखा था” का, और कहेंगे 'सेन्शुउ मिमाशिता' यानी “पिछले सप्ताह देखा था”।
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