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सेन्सेइ से पूछें

'आगेमासु' और 'कुरेमासु' का अंतर (पाठ 33)

जापानी भाषा में, “देना” की क्रिया का चयन इस बात पर निर्भर करता है कि वाक्य देने वाले के नज़रिये से बोला जा रहा है या पाने वाले के।

पाठ में केन्ता आन्ना को कुछ दे रहे हैं। इस तरह, जब बोलने वाला, सुनने वाले को कुछ देता है तब क्रिया 'आगेमासु' का प्रयोग किया जाता है। जब कोई अन्य व्यक्ति किसी को कुछ दे रहा हो, तब भी 'आगेमासु' का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्रिया 'आगेमासु' में किसी पर एहसान करने जैसा भाव भी शामिल है, इसलिए उम्र या पद में अपने से बड़ों के लिए इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता। बड़ों से बात करते समय विनम्र शब्द 'साशिआगेमासु' का प्रयोग करते हैं।

दूसरी तरफ़, जब कोई बोलने वाले को कुछ दे, तब 'कुरेमासु' का इस्तेमाल करते हैं। जैसे जब केन्ता आन्ना को तस्वीर देंगे, तब आन्ना के नज़रिये से क्रिया 'कुरेमासु' लगायी जाएगी।
अगर कोई, बोलने वाले के परिजन या क़रीबी व्यक्ति को कुछ दे, तब भी 'कुरेमासु' का इस्तेमाल करते हैं। कोई भी व्यक्ति जिस समूह या दायरे का हिस्सा होता है, उसे जापानी में 'उचि' कहा जाता है।

'कुरेमासु' का उपयोग किस के लिए कर सकते हैं और किस के लिए नहीं, यह 'उचि' यानी “भीतर” और 'सोतो' यानी “बाहर” की अवधारणा पर निर्भर करता है। जैसे जो लोग 'उचि' यानी भीतरी दायरे का हिस्सा होते हैं उनके लिए सम्मानसूचक शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जाता। 'उचि' और 'सोतो' जापानी भाषा में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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