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सेन्सेइ से पूछें

'तारा' और 'तो' का अन्तर (पाठ 30)

'तारा' और 'तो' दोनों ही यह बताते हैं कि वाक्य के जिस हिस्से के बाद 'तारा' या 'तो' लगा है, उस हिस्से में बताई गई घटना होने पर, उसके कारण वाक्य के दूसरे हिस्से में बताई गई घटना होती है।

लेकिन, अगर आप 'तो' और 'तारा' के उदाहरण देखेंगे, तो आपको दोनों का अन्तर समझ आ जाएगा।
'तो' का प्रयोग तब करते हैं जब एक घटना के होने पर दूसरी घटना भी ज़रूर होती है। इसका इस्तेमाल अधिकतर स्वाभाविक नियमों या आदत या अपेक्षित परिणाम इत्यादि के लिए किया जाता है। जैसे, अगर हमें कहना हो कि “बटन दबाने से बत्ती जलती है”, तो क्रिया “दबाना” के लिए जापानी भाषा का शब्द है 'ओशिमासु' और “बत्ती जलने” के लिए शब्द है 'त्सुकिमासु'। इनका सम्बन्ध बताने के लिए बीच में 'तो' जोड़ने से बनेगा 'ओसु तो त्सुकिमासु'। इसका मतलब है “बटन दबाने से बत्ती जलती है” जो एक नियम है। इसकी जगह 'तारा' का इस्तेमाल भी हो सकता है। 'तारा' लगाने से वाक्य बनेगा 'ओशितारा त्सुकिमासु'। इसका मतलब है “बटन दबाएँगे तो बत्ती जलेगी” जो एक इच्छा है। जब आप पहली घटना बताने के बाद, उस पर आधारित अपनी इच्छा बताना चाहते हों, तब 'तो' का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। जब आप कोई प्रस्ताव रखना चाहते हों, जैसे 'आमे गा फ़ुत्तारा काएरिमाशोउ' यानी “अगर बारिश हुई, तो वापिस चले जाएँगे”, या अनुरोध या इच्छा व्यक्त करना चाहते हों, तब 'तारा' का प्रयोग करना सही है।
'तारा' के इस्तेमाल का दायरा 'तो' की तुलना में बड़ा है, इसलिए जब आपको समझ न आ रहा हो कि 'तारा' सही है या 'तो', तब वहाँ 'तारा' का इस्तेमाल करना बेहतर है।
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